अर्थव्यवस्था किसी भी देश की विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है |जिस देश की अर्थब्यवस्था जितनी मजबूत होगी वह देश उतना ही विकसित माना जाएगा । अर्थव्यवस्था देश की उन्नति में एक आधार प्रदान करता है इसमें उन सभी संसाधनों को शामिल किया जाता है जो देश की स्थिति को मजबूत करने के लिए जरूरी होती है ।
भारतीय अर्थव्यवस्था क्या है?:-
अर्थव्यवस्था विभिन्न प्रणालियों एवम् संगठनो का समूह है जो लोगो को जीवकोपार्जन के साधन और रोजगार के विभिन्न अवसर प्रदान करती है| अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत कृषि, कारख़ाने, परवहन ,संचार के साधन, शिक्षण संस्थाओ ,बैंकिंग, बीम, अस्पतालों जैसे संस्थाओं को शामिल किया जाता है|
भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रकार कौन-कौन से हैं ?:-
1. विकास के आधार पर अर्थव्यवस्था• विकसित अर्थव्यवस्था
• विकासशील अर्थव्यवस्था
विकसित अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं ?:-
अर्थव्यवस्था ऐसी अवस्था में पहुंच जाती है , जब उपलब्ध सभी प्रकृतिक और मानवीय संसाधनो का पूर्णतः उपयोग व् विदोहन कर लिया गया हो उसे विकसित अर्थव्यवस्था कहते हैं| शिक्षा और तकनीकी ज्ञान के विकास के साथ -साथ संसाधनो का पूर्ण विकास होने से राष्टीय आय और प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होती है तथा जीवन स्तर उच्च होता है | विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, र्जमनी, कनाडा आदि है |
विकसित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेताएं :-
• राष्टीय आय एव प्रतिव्यक्ति आय का उच्च स्तर• रहन-सहन का उच्च स्तर
• संसाधनो का पूर्ण उपयोग
• उत्पादकता का उच्च स्तर
• औधोगिक विस्तार
विकासशील अर्थव्यवस्था क्या होता है ?:-
जब किसी देश में विद्यमान समस्त प्रकृतिक एवं मानवीय संसाधनो का पुर्णतः विदोहन नहीं हो पाता है ,जिनकी सम्भावना उस देश में है तो ऐसे देश की अर्थव्यवस्था को विकासशील अर्थव्यवस्था कहते हैं| विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश भारत ,पाकिस्थान,अफगानिस्थान,एशियाई देश आदि |विकासशील अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताए :-
• कृषि की प्रधानता एवं पिछड़ापन• पूँजी निर्माण का आभाव
• प्रतिव्यक्ति आय का निम्न स्तर
• जनसंख्या में तीब्र वृद्धि
• गरीबी
• स्थिर सामाजिक ढाँचा
• आय का असमान वितरण
2.उत्पादन प्रणाली के स्वामित्व के आधार पर
अर्थव्यवस्था :-
1. पूँजीवादी2.समाजवादी अर्थव्यवस्था
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था
1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?:-
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था इंग्लैंड में प्रारंम्भ हुए औधोगिक क्रांति के स्वरूप उद्भव हुआ| पूंजीवाद एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें उत्पादन के साधनो पर व्यक्तिगत स्वामित्व तथा नियंत्रण होता है|पूंजीपति इन साधनों का उपयोग अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए अपनी इच्छा अनुसार करता है|पूंजीवाद की विशेस्ताएं :-
• निजि सम्पति का अधिकार
• आर्थिक स्वतन्त्रता
• लाभ का उद्देश्य
• कीमत तंत्र
• प्रतियोगिता
• वर्ग संघर्ष
• व्यापार चक्र
• व्यापारियों की भूमिका
2.समाजवादी अर्थव्यवस्था क्या होता है?:-
कालमर्क्स ने समाजवादी अर्थव्यवस्था को वैज्ञानिक रूप में प्रस्तुत किया था इस लिय कालमर्क्स को समाजवाद का जनक कहा जाता है|समाजवादी अर्थव्यवस्था रूस ,चीन,हंगरी,मंगोलिय,पोलैंड जैसे देश में विदमान है|विश्व के इन देशों को दूसरी दुनिया के नाम से जाना जाता है|समाजवाद एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है, जिसमें उत्पादन के सभी महत्वपूर्ण साधनों का स्वामित्व,प्रबंध,संचालन एवं नियंत्रण सरकार के हाथों में होता है|
समाजवादी अर्थव्यवस्था की विशेस्ताएं :-
• उतपादन के साधनों पर स्वामित्व
• प्रतियोगिता की समाप्ति
• आर्थिक नियोजन
• शोषण का निराकरण
• आर्थिक समानता
• सामाजिक कल्याण
• राज्य की भूमिका
• अनार्थिक आय की समाप्ति
3.मिश्रित अर्थव्यत्वस्था किसे कहते हैं ? :-
इस अर्थव्यवस्था को 1929 की वैश्विक मंदी ने जन्म दिया |इस विचारधारा के जनक प्रो. जॉन मर्केंन्ड केन्स माने जाते है|मिश्रित अर्थव्यवस्था एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है जिसमें सार्वजनिक एव निजी क्षेत्र साथ-साथ कार्य करते हैं|सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित उधोगों का स्वामित्व व् नियंत्रण राज्य सरकार के द्वारा तथा निजी क्षेत्र में स्थापित उधोगों का स्वामित्व व् नियंत्रण निजी उधोगपतियों द्वारा किया जाता है{ इस प्रकार के अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था कहा जाता है|
मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेस्ताएं
• आर्थिक नियोजन• निजी क्षेत्र का महत्व
• आर्थिक विषमता में कमी
• सामाजिक कल्याण
• व्यक्तिगत स्वतंत्रता
• निजी व् सार्वजनिक क्षेत्र का सहअस्तित्व
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