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प्रिंटर क्या है? | what is a printer? / types of printer

प्रिंटर के आविष्कार ने इलेक्ट्रॉनिक जगत में क्रांति कारी परिवर्तन ला दिया है। आधुनिक युग मे इसका बहुतायत प्रयोग होरहा है। यह एक ऐसी युक्ति है जो सॉफ्ट कॉपी या डॉक्यूमेंट को हार्डकॉपी में कुछ हीं सेकेण्ड में परिवर्तित कर देता है । इसे स्मार्टफोन के द्वारा भी कंट्रोल किया जा सकता है। इस लेख में आप जानेंगे प्रिंटर क्या है?प्रिंटर कितने प्रकार का होता है?Printer कैसे काम करता है? 3D प्रिंटर क्या है?



प्रिंटर क्या है?| what is a printer?


प्रिंटर एक प्रकार का आउटपुट युक्ति है जिसका प्रयोग करके कंप्यूटर से प्राप्त डिजिटल डाटा और सूचना को किसी कागज पर प्रिंट करने के लिए किया जाता है। 


यह प्रिंटर ब्लैक और वाइट के साथ-साथ कलर डॉक्यूमेंट को भी प्रिंट कर सकता है किसी भी प्रिंटर की क्वालिटी उसकी प्रिंटिंग की क्वालिटी पर निर्भर करती है कहने का मतलब है की जितनी अच्छी प्रिंटिंग क्वालिटी होगी वह प्रिंटर उतना ही अच्छा माना जाएगा। 





यदि किसी प्रिंटर की गति मापने है तो उसे

  • प्रिंटर की गति कैरेक्टर प्रति सेकंड(Character Per Second-CPS) 
  • लाइन प्रति मिनट(Line Per Minute -LMP) और 
  • पेजिज प्रति मिनट(Pages Per Minute - PPM) में मापी जाती है। 
  • प्रिंटर की क्वालिटी को डॉट्स प्रति इंच में भी मापी जाती है

 इसका मतलब है की किसी पेपर पर 1 इंच में जितने ज्यादा से ज्यादा बिंदु होंगे प्रिंटर उतनी ही अच्छी क्वालिटी की मानी जाती है। 


आधुनिक युग में वायरलेस प्रिंटर का चलन बढ़ गया है क्योंकि इसमें तारों के द्वारा कनेक्शन करने की झंझट नहीं होती है। इसे हम अपने स्मार्टफोन के द्वारा भी कंट्रोल कर सकते हैं और प्रिंट आउट प्राप्त कर सकते हैं।


प्रिंटर एक आउट पूरी होती है जो सॉफ्ट कॉपी टेक्स्ट इमेज ग्राफिक आदि को हार्ड कॉपी के रूप में कन्वर्ट कर देता है।


प्रिंटर कितने प्रकार का होता है?How many types of printer?

प्रिंटिंग सुविधा की दृष्टि से प्रिंटर को दो भागों में विभाजित किया गया है पहला इंपैक्ट प्रिंटर और दूसरा नॉन इंपैक्ट प्रिंटर इन दोनों प्रिंटर ओं का विश्लेषण करने के पश्चात इन दोनों प्रिंटर के मध्य अंतर को ज्ञात किया जा सकता है।


 पहला इंपैक्ट प्रिंटर (Impact Printer)


  •  डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
  •  डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)
  •  लाइन प्रिंटर (Line Printer)
  •  ड्रम प्रिंटर ( Drum Printer)


दूसरा नॉन इंपैक्ट प्रिंटर(Non-impact Printer) 


  • इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) 
  • थर्मल प्रिंटर(Thermal Printer)
  • लेजर प्रिंटर (Laser Printer)
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर(Electromagnetic Printer)
  • इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिंटर( Electrostatic Printer)


इंपैक्ट प्रिंटर (Impact Printer) 

इंपैक्ट प्रिंटर टाइपराइटर की तरह कार्य करता है। इसमें अक्षर को छापने के लिए छोटे-छोटे पिन या हैमर्स लगे होते हैं, इन तीनों पर अक्षर बने होते हैं। 


स्याही से लगे हुए रिबन के बाद पेपर पर प्रहार करते हैं जिससे अक्षर पेपर पर छप जाता है ।


 इंपैक्ट प्रिंटर एक बार में केवल एक कैरेक्टर या एक लाइन को प्रिंट कर सकता है। इस प्रकार के प्रिंटर ज्यादा अच्छी क्वालिटी के प्रिंटिंग नहीं कर सकते है। 


ये प्रिंटर दूसरे प्रिंटर की तुलना में सस्ते होते हैं और प्रिंटिंग के दौरान अधिक आवाज करते हैं जिसके कारण इनका प्रयोग कम हो गया है।


 इंपैक्ट प्रिंटर के अंदर आपको चार प्रकार के प्रिंटर देखने को मिलेगा जिसका विवरण कुछ इस प्रकार से है-


डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)

  • डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में पीनों की एक पंक्ति लगी होती है जो कागज के ऊपरी सिरे पर रिबन से प्रहार करती है। 
  • जब पिन रिबन पर प्रहार करते हैं तो डॉट्स का एक समूह यह कह सकते हैं एक मैट्रिक्स के रूप में कागज पर पड़ता है जिससे अक्षर ए चित्र छप जाते हैं।
  •  इस प्रकार के प्रिंटर को पिन प्रिंटर भी कहा जाता है। 
  • डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में केवल एक ही कैरेक्टर को प्रिंट कर सकता है। 
  • यह प्रिंटर काफी धीमी गति से प्रिंट का कार्य करता है तथा प्रिंटिंग के दौरान ज्यादा आवाज करती है जिससे इसे कंप्यूटर के साथ नहीं के बराबर प्रयोग किया जाता है।



डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)

  • डेजी व्हील प्रिंटर में कैरेक्टर की छपाई टाइपराइटर की तरह ही होती है। 
  • डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की अपेक्षा अधिक रेजोल्यूशन की प्रिंटिंग करता है तथा इसका आउटपुट डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की अपेक्षा ज्यादा विश्वसनीय होता है।


लाइन प्रिंटर क्या है? What is a Line Printer?


  • जैसा कि नाम से पता चल रहा है लाइन प्रिंटर तो यह लाइन प्रिंटर के द्वारा एक बार ने पूरी की पूरी एक लाइन को प्रिंट किया जा सकता है इसलिए इस प्रिंटर का नाम लाइन प्रिंटर रखा गया है।
  •  इस प्रिंटर की प्रिंटिंग क्वालिटी ज्यादा अच्छी नहीं होती है लेकिन इश्क प्रिंटिंग की गति काफी तेजी से होता है।



ड्रम प्रिंटर क्या है? What is a Drum Printer?


  • ड्रम प्रिंटर एक प्रकार का लाइन प्रिंटर ही होता है जिसमें एक बेलनाकार ड्रम लगातार घूमता रहता है। इस क्रम में अक्षर उभरे हुए होते हैं। 
  • ड्रम और कागज के बीच में एक स्याही लगी हुई रिबन होती है जिस स्थान पर अक्सर छापना होता है उस स्थान पर हैमर  कागज के साथ-साथ रिबन पर प्रहार करता है। 
  • रिबन पर प्रहार होने से रिबन ड्रम में लगे अक्षर पर दबाव डालता है जिससे अक्षर कागज पर छप जाता है।


नॉन इंपैक्ट प्रिंटर क्या है? What is a non impact printer?

नॉन इंपैक्ट प्रिंटर(Non-impact Printer) 

नॉन इंपैक्ट प्रिंटर कागज पर प्रहार नहीं करते हैं बल्कि अक्षर या चित्र प्रिंट करने के लिए स्याही की फुहार कागज पर छोड़ते हैं।

 नॉन इंपैक्ट प्रिंटर प्रिंटिंग में इलेक्ट्रोस्टेटिक केमिकल(Electrostatic Chemical) और इंकजेट तकनीक का प्रयोग किया गया है। 

इसके द्वारा उच्च क्वालिटी के ग्राफिक्स और अच्छी किस्म के अक्षरों को छापा जाता है। 

ये प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर की तुलना में महंगे होते हैं किंतु इनकी छपाई इंपैक्ट प्रिंटर की अपेक्षा ज्यादा अच्छी होती है।


 नॉन इंपैक्ट प्रिंटर के कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार से है:- 

  • इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) 
  • थर्मल प्रिंटर(Thermal Printer)
  • लेजर प्रिंटर (Laser Printer)
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर(Electromagnetic Printer)
  • इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिंटर( Electrostatic Printer)



इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) 

  • इंकजेट प्रिंटर में कागज पर स्याही की फुहार द्वारा छोटे-छोटे बिंदु डालकर छपाई की जाती है, इनकी छपाई की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। 
  • ये विभिन्न प्रकार के रंगों द्वारा अक्षर और चित्र छाप सकते हैं। इन प्रिंटरों  में सफाई के लिए A4 आकार के पेपर का प्रयोग किया जाता है। 
  • इंकजेट प्रिंटर में रिबन के स्थान पर गीली स्याही से भरा हुआ काट्रीज (Cartridge)लगाया जाता है, यह काट्रीज एक जोड़े के रूप में होता है। 
  • एक कार्ट्रिज में काली (Black) स्याही तथा दुसरे कार्ट्रिज में मजेंटा (Magenta), पीली (Yellow) और सियान रंग (Green-Bluish) स्याही भरी जाती है। 
  • कार्ट्रिज हीं इस प्रिंटर का Head होती है, जो कागज पर स्याही की फुहार छोड़कर छपाई का काम करता है। इंकजेट प्रिंटर को  प्रायः समानांतर पोर्ट(Parallel Port) के माध्यम से कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है। 
  • आजकल USB वाले इंकजेट प्रिंटर का बहुतायत मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है। इसमें रोज एक या दो पेज प्रिंट करना जरूरी होता है क्योंकि इसे इसका कार्ट्रिज गीला रहता है और खराब होने से बचता है।


इंकजेट प्रिंटर के लाभ - Advantage of Inkjet Printer


  • इंकजेट प्रिंटर उच्च गुणवत्ता  उत्पादन करने की क्षमता रखता है।
  • ये प्रिंटर तेज़ और उपयोग में आसान होता  हैं।
  • इस प्रकार के प्रिंटर गर्म होने के लिए ज्यादा समय नहीं लेते हैं।


इंकजेट प्रिंटर के नुकसान - Disadvantage of Inkjet Printer 


  • इसमे  प्रिंट करने में अधिक समय लग सकता है।
  • इसकी रनिंग कॉस्ट ज्यादा होती है।
  • यह हाइलाइटर मार्कर की अनुमति नहीं देता है।
  • कभी-कभी, यह एक खाली कार्ट्रिज की गलत चेतावनी दे सकता है।

थर्मल प्रिंटर(Thermal Printer)

  • थर्मल प्रिंटर में पेपर पर अक्षर छापने के लिए उष्मा का प्रयोग किया जाता है। 
  • इसमें ऊष्मा के द्वारा स्याही को पिघलाकर कागज पर छोड़ा जाता है जिससे अक्षर या चित्र छपते हैं।
  •  फैक्स मशीन को भी थर्मल प्रिंटर में शामिल किया गया है। यह अन्य प्रिंटर की अपेक्षा महंगा और धीमा होता है तथा इसमें प्रयोग करने के लिए एक विशेष प्रकार के पेपर की जरूरत पड़ती है जो केमीकली ट्रीटिड(Chemically Treated Paper) पेपर होता है।


लेजर प्रिंटर क्या है? what is laser printer?


लेजर प्रिंटर (Laser Printer)

  • लेजर प्रिंटर के द्वारा हाई क्वालिटी के अक्षर और चित्र छापे जाते हैं।ये विभिन्न प्रकार के स्टाइल और अक्षर को छाप सकते हैं।
  •  इसकी छपाई की तकनीक फोटोकॉपी मशीन से लगभग मिलती-जुलती है। 
  • इसमें कंप्यूटर से भेजा गया डाटा लेजर किरणों की सहायता से इसके ड्रम पर चार्ज उत्पन्न कर देता है। 
  • इसमें एक टोना लगा होता है जो चार्ज के कारण ड्रम पर चिपक जाता है।
  •  जब एड्रम घूमता है तब इसके नीचे से कागज निकलता है उस स्थिति में टोनर कागज पर अक्षरों या चित्र का छपाई करता है।
  •  ये प्रिंटर अपनी क्षमता के अनुसार, 1 इंच में 300 से 1200 बिंदुओं की सघनता (Density)द्वारा छपाई कर सकते हैं।
  •  ये 1 मिनट में 5 से 24 पेज तक छपाई करने की क्षमता रखते हैं।

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर(Electromagnetic Printer)


  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर या इलेक्ट्रो फोटोग्राफिक प्रिंटर बहुत ही तेज गति से छपाई करते हैं।
  •  ये प्रिंटर्स पेज प्रिंटर की श्रेणी में आते हैं इसका मतलब है कि यह प्रिंटर एक बार में पूरा पेज प्रिंट कर सकता है।
  •  इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर किसी डॉक्यूमेंट में 1 मिनट के अंदर 20000 लाइनें प्रिंट कर सकते हैं अर्थात 250 पेज प्रति मिनट की दर से छपाई कर सकते हैं।


इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिंटर( Electrostatic Printer)


  •  इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिंटर का प्रयोग बड़े फॉर्मेट की प्रिंटिंग के लिए किया जाता है जैसे प्रिंटिंग प्रेस में छपाई के लिए क्योंकि इस प्रिंटर की गति काफी तेज होती है और प्रिंट करने में कम खर्च लगता है।




Printer कैसे काम करता है?

आपने इस लेख में कई प्रकार के प्रिंटरो के बारे में पढ़ा होगा , लेकिन इनके  कार्य करने का तरीका एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होता है।


अभी हम Laser printer कैसे काम करता है?

 इस बारे मे जानेंगे। क्योंकि आज के समय में  ये आपको हर जगह देखने को मिलेगा। एक Laser printer काफी हद तक Photocopiers Machine की तरह दिखाई देती है, यानी इनकी Printing Technology लगभग same ही होती है।


  • जब आप कुछ Print करना चाहते है, तो सबसे पहले आपके computer द्वारा प्रिंट किये जाने वाले Electronic Data (information)को Laser Printer में  sent किया जाता है।


  •  दूसरे चरण में Printer में मौजूद एक electronic circuit ये पता करता है कि इस Data का मतलब क्या है? और इसे Paper पर कैसे print करना है ताकि पृष्ट पर सही जानकारी दिखाई दे।


  •  अगले चरण में Electronic Circuit द्वारा Corona wire को Activate किया जाता है।  ये एक High Voltage Wire है, जो इसके आस-पास मौजूद किसी भी चीज को एक Static Electric Charge देता है।


  • इसके बाद Corona Wire द्वारा Charge किया जाता है Photo receptor Drum जिससे drum एक Positive Charge Gain करता है और वह चार्ज इसके पूरे surface पर फैल जाता है।


  • उसी समय Electronic Circuit द्वारा Laser Beam को भी Activate किया जाता है, ताकि Page की image को Drum पर Draw किया जा सके।


  •  ये Laser Beam Drum के जिस हिस्से पर hit करती है, वहाँ मौजूद Positive Charge मिटता है और इसके स्थान पर Negative Charge Create होता है। ऐसा करने से Drum पर पूरे Page की image प्रदर्शित होने लगती है।

 

  •  Image का Pattern set होने के बाद, drum को सकरात्मक रूप से चार्ज Powered ink (toner) के छोटे-छोटे Particles से coat किया जाता है। टोनर ड्रम के सकारात्मक रूप से चार्ज हिस्से को छोड़कर नकारात्मक चार्ज वाले स्थान पर चिपक जाता है।


  • अब Printer के दूसरी तरफ से Paper sheet को Drum के पास लाया जाता है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है Paper को एक अन्य corona wire की मदद से एक strong negative electrical charge दिया जाता है।


  •  जैसे ही Paper, drum के पास में पहुँचता है तो इसका negative charge ड्रम में मौजूद positive रूप से charge toner particles को attract करता है। जिससे image को drum से paper sheet पर से Transfer किया जाता है।


  •  अंत मे paper की सतह पर मौजूद toner मे Particles को fuser unit की मदद से fuse किया जाता है जिससे वह स्थायी रूप से कागज पर चिपक जाते है। इस तरह से आपको उस document का printout प्राप्त होता है।


पोर्टेबल प्रिंटर - Portable Printer

पोर्टेबल प्रिंटर छोटे कम वजन वाले इंकजेट या थर्मल प्रिंटर होते है जो लैपटॉप कंप्यूटर द्वारा यात्रा के दौरान प्रिंट निकलने की अनुमति देते है।


 यह ढोने में आसान इस्तेमाल करने में सहज होते है मगर कापैक्ट डिज़ाइन की वजह से सामान्य इंकजेट प्रिंटरो के मुकाबले महंगे होते है। 


इनकी प्रिंटिंग की गति भी सामान्य प्रिंटर से कम होती है। कुछ प्रिंट डिजिटल कैमरे से तत्काल फोटो निकालने के लिए इस्तेमाल किये जाते है। इसलिए इन्हें पोर्टेबल फोटो प्रिंटर कहा जाता है।



मल्टीफंक्शनल/ऑल इन वन प्रिंटर -Multi functional / All in one Printer


ऐसा प्रिंटर जिसके द्वारा हम किसी Document को Scan कर सकते हैं, उसे प्रिंट कर सकते है तथा प्रिंट करने के बाद फैक्स भी कर सकते हैं उसे मल्टीफंक्शनल प्रिंटर कहा जाता हैं।


मल्टीफंक्शनल/ऑल इन वन प्रिंटर को मल्टीफंक्शनल डिवाइस (Multi Function Device) भी कहा जाता है । यह एक ऐसी मशीन है, जिसके द्वारा कई मशीनों के कार्य जैसे प्रिंटर स्कैनर कॉपीयर तथा फैक्स किये जा सकते है।


 मल्टीफंक्शन प्रिंटर घरेलु कार्यालयों (Home Offices) में बहुत लोकप्रिय होता हैं । इसमें इंकजेट या लेजर प्रिंट विधि का प्रयोग हो सकता है।


 कुछ मल्टीफंक्शन प्रिंटरो में मिडिया कार्ड रिडर का प्रयोग होता है, जो डिजिटल कैमरा से कंप्यूटर के प्रयोग के बगैर सीधे-सीधे इमेज छाप सकता है।



3D प्रिंटर क्या है? What is a 3D Printer?3D प्रिंटर कैसे काम करता है?


आपने अभी तक जिन  प्रिंटर के बारे में पढ़ा  वे सभी  2D  प्रिंटर थे। 2D प्रिंटर का मतलब “Two Dimensional" जोकि image को Xaxis और Yaxis में प्रिंट करता है। लेकिन 3D Printer, 2D प्रिंटर से Advance लेबल का प्रिंटर होता है।


3D मतलब 3 Dimensional यह X Axis,Y axis और Z Axis में प्रिंट करता है। जिसको हम चारों तरफ से देख सकते  है। अब हम देखेंगे कि 3D प्रिंटर क्या होता  है?



3डी प्रिंटर क्या होता है? - What is 3D Printer?


  • Three-Dimensional प्रिंटर यानि (3D Printer) ये त्रिविमीय प्रिंटर है ,जो  नई पीढ़ी की advance प्रिंटिंग मशीन है।
  • इसको additive manufacture भी कहा जाता है। जोकि 3D त्रिविमीय डिजिटल मॉडल की वस्तु को layer by layer बनाती है।
  • इसका आविष्कार  की बात करें तो इसे 1984 में चक हल (Chuck Hull) ने किया था।

  •  3D Printer में वस्तु का निर्माण करने के लिए मिश्र धातु जैसे- पॉलिमर, प्लास्टिक और खाद्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।
  • 3D Printer के द्वारा खिलौने, गहने, हथियारों का निर्माण  भी किया जाता है।


3डी प्रिंटर कैसे काम करता है? – How does 3D Printer work

यह 3D Object को प्रिंट करने की प्रक्रिया  है, किसी भी 3D Modeling प्रोग्राम, जैसे की CAD (Computer-aided design) द्वारा बनाई गई डिजिटल design या फिर किसी मौजूदा 3D object को scanner द्वारा scan करने से शुरू होती है।


स्कैनर object की कॉपी बनाकर फिर उसे 3D modeling प्रोग्राम में डालता है और फिर design को

digital file में बदल दिया जाता है। जोकि उस model की सेकड़ो और हज़ारों layers बनाता है।


3D Printer, Design की प्रत्येक layer को read करता और फिर उसे एक साथ प्रिंट करता है।


जिसका परिणाम एक 3D वस्तु होती है और इसे एक Original Digital Model भी कहा जाता है।



3D प्रिंटर वास्तु का निर्माण कैसे करता है।

3डी वस्तु को प्रिंट करने का तरीका - How to print 3D object


 सबसे पहले CAD या 3D Designer सॉफ्टवेयर का उपयोग करके एक 3D मॉडल तैयार किया जाता है।

 

इस ड्राइंग को STL (Standard Tessellation Language) file format में कन्वर्ट करें क्योंकि 3D

प्रिंटर STL file का उपयोग करता है।


3D प्रिंटर को कंट्रोल करने वाले कंप्यूटर में STL file को ट्रांसफर करें फिर उससे आप उसका size और

orientation का पता कर सकते है।


 आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे 3D प्रिंटर को आवश्यकता के अनुसार एक नए प्रिंट के लिए तैयार

कीजिए।


अब इसको प्रिंट करने की प्रक्रिया शुरू करें इसमें प्रत्येक परत आमतौर पर 0.1 mm मोटी होती है, इसलिए इस object के निर्माण में घंटों से लेकर दिनों तक का समय लग जाता है और यहां उसके आकार पर निर्भर करती है।


 अब आप त्रिविमीय प्रिंटर से object को बाहर निकाले और उसे विषाक्त पदार्थों या गर्म सतह से बचाये।

 

अब आप प्रिंट किये गए नए object की सफाई करे जैसे की अवशेषों को ब्रश से अच्छी तरह से साफ करें। इस कार्य को करते समय सावधानी बरतें।


अब आप अपने नए Printed Object का प्रयोग कर सकते हैं।


इस उदाहरण से आप अच्छी तरह से समझेंगे - Examples of 3D printer

इससे consumer product का निर्माण होता है जैसे की footwear, furniture आदि। इसके अलावा  इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट, डेंटल प्रोडक्ट, प्राचीन कलाकृतियां, रंगमंच-सामग्री आदि।


3डी प्रिंटर के लाभ - Advantages of 3D printer


  • यह कम लागत में वस्तु का निर्माण करता है।
  • वस्तु को बनाने में कम समय लगता है।
  • गलती की संभावना बहुत कम होती है।
  •  3D प्रिंटर का एक फायदा यह है कि या कम अपशिष्ट (waste) के साथ वस्तु का निर्माण करता है।

 

3डी प्रिंटर के नुकसान - Disadvantages of 3D printer


  •  3D मॉडल को डिजाइन करने के लिए विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है।
  • इसके उपयोग से बहुत अधिक श्रम लागत की आवश्यकता नहीं होती जिस कारण नौकरियों में गिरावट होती है।



FAQ :-


1. प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं?


उत्तर :- प्रिंटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं - इम्पैक्ट प्रिंटर और नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर


इम्पैक्ट प्रिंटर  के अंतर्गत निम्न प्रिंटर आते हैं-


  • डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
  •  डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)
  •  लाइन प्रिंटर (Line Printer)
  •  ड्रम प्रिंटर ( Drum Printer)


नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर के अंतर्गत निम्न प्रिंटर आते हैं-


  • इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer) 
  • थर्मल प्रिंटर(Thermal Printer)
  • लेजर प्रिंटर (Laser Printer)
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर(Electromagnetic Printer)
  • इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रिंटर( Electrostatic Printer)


2. प्रिंटर का आविष्कार कब व किसने किया?


उत्तर :- प्रिंटर का आविष्कार चेस्टर कार्लसन ने सन 1938 में किया था


3.आधुनिक युग मे सबसे अच्छा प्रिंटर कौन सी है?


उत्तर :- वर्तमान समय मे सबसे अच्छा लेजर प्रिंटर है। क्योंकि इससे कम समय में अधिक कार्य लिया जा सकता है। लेजर प्रिंटर का क्रेज काफी बढ़ गया है।


4. 3D  प्रिंटर क्या होता है?


उत्तर :- 3D प्रिंटर आधुनिक युग का Advance प्रिंटिंग मशीन है। जिसके द्वारा किसी भी object को Three-Dimensional  यानी त्रिविमीय आकर में प्रिंट किया जा सकता है।


5. 3D प्रिंटर का आविष्कार किसने किया?


उत्तर :- 3D प्रिंटर का आविष्कार चक हल ने 1984 में किया था।


6. Printer का आविष्कार किसने और कब किया?


उत्तर:- Computer Printer का इतिहास ज्यादा पुराना भी नहीं है। यह लगभग वर्ष 1938 के आसपास शुरू हुआ था। जब Chester Carlson नामक व्यक्ति ने Printer Device का खोज किया था। जिसका नाम Electrophotography रखा था।


7. Printer क्या है Hardware या Software


उत्तर:- चूँकि Printer एक उपकरण है। इसलिए यह Hardware होगा। Computer के सभी उपकरण Hardware होता है। अगर आपने Printer को देखा है फिर भी इस तरह का प्रश्न आपके मन में आ रहा है। तब इसका मतलब है कि आपको Hardware और Software की जानकारी नहीं है। इसलिए सबसे पहले आपको Hardware और Software की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए


8. Printer क्या है Output या Input


उत्तर:- चूँकि Printer के जरिए हमें Output प्राप्त होता है। इसलिए यह Output Device होगा। Output का मतलब है कि Computer कुछ परिणाम दे रहा है। Printer के जरिए Output Printed Form में प्राप्त होती है।



निष्कर्ष :-

आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद!

 प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रिंटर से सम्बंधित प्रश्न को और आपके Knowledge की दृष्टि से इस आर्टिकल को तैयार किया गया है। इस आर्टिकल में प्रिंटर क्या होता है? प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं? प्रिंटर के कार्य करने का तरीका तथा 3D प्रिंटर के बारे में बताया गया है। जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। आशा करते हैं कि आर्टिकल पढ़ने के बाद कुछ हेल्प हुई होगी। 




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