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Chhattisgarh राज्य का प्रतीक चिन्ह(The Chhattisgarh State Symbols)

छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतीक चिन्ह(The Chhattisgarh State Symbols)

हम छत्तीसगढ़ आज के प्रतीक चिन्ह का संपूर्ण अध्ययन करेंगे। प्रतीक चिन्ह में उपस्थित सभी रंगों का स्पष्टीकरण करेंगे उनकी विशेषताओं का अध्ययन करेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह को 4 सितंबर 2001 को स्वीकृति मिली है ।राज्य के इस प्रतीक चीन में 5 रंगों का प्रयोग हुआ है ।छत्तीसगढ़ के प्रतीक चिन्ह की पुरुष पृष्ठभूमि की बात की जाए तो उसकी  सफेद कलर की पृष्ठभूमि है ,जिसमें एक वृत्त बनी हुई है जिस पर हरे रंग से 36 किलो के द्वारों की नन्हीं नन्हीं आकृतियां बनी हुई है।  बीचो बीच लाल रंग में भारत का प्रतीक चिन्ह सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ है ,जिसके नीचे सत्यमेव जयते शब्द अंकित है इस अशोक स्तंभ के दोनों और पीले रंग से धान की बालियां प्रदर्शित की गई है जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ शासन शब्द लिखा हुआ है।धान की बालियों के ठीक नीचे नीले रंग की दो रेखाएं हैं जो चमकती हुई बिजली की तरह दिखाई देती है । सबसे नीचे तीन लहराती हुई रेखाएं बनी हुई है जो पूरे प्रतीक चिन्ह में तिरंगे के तीन रंगों का प्रतीक है।

एक झलक रंगो पर

सफेद - पृष्ठभूमि
हरा - किलो के द्वारों की रंग
लाल - राष्ट्रीय चिन्ह
पीला - धान की बालियां
नीला- विद्युत सांकेतिक चिन्ह

राज्य प्रतीक चिन्ह की व्याख्या कुछ इस प्रकार है


1.वृत्ताकार परिधि - वृत्ताकार परिधि सफेद रंग की है जो राज्य के विकास की निरंतरता का प्रतीक है।

2. हरे रंग के 36 किले - हरे रंग के 36 किले राज्य की नैसर्गिक सुंदरता हरियाली वन संपदा तथा गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है।

3. लाल रंग भारत का प्रतीक चिन्ह - यह देश के प्रति सत्यनिष्ठा का प्रतीक है।

4. धान की बालियां पीले रंग में - धान की बालियां राज्य की कृषि प्रधानता खाद्यान्न  के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

5. विद्युत रेखाएं नीले रंग में - ऊर्जा की संपन्नता और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।

6. सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ की मूर्ति - देश की प्रति सत्यनिष्ठा का प्रतीक है।

7. तिरंगे के तीन रंग - देश के प्रति एकजुटता का प्रतीक है ।

8. लहराती हुई रेखाएं - छत्तीसगढ़ राज्य की नदियों और जल संसाधन के प्रतीक है।

छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु (most important fact of Chhattisgarh state)


राजकीय पक्षी - 

छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना है ,इसका वैज्ञानिक नाम (Gracula religiosa peninsuleris) है ,जिसको कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में संरक्षित किया जा रहा है।

राजकीय पशु - 

छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पशु वन भैंसा है जिसका वैज्ञानिक नाम ( Bubalus Bubalis) है ,जिसे वर्तमान में गरियाबंद के  उदंती अभ्यारण, बीजापुर के पामेड अभ्यारण और बस्तर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में संरक्षित किया जा रहा है।

राजकीय वृक्ष- 

साल जिस का वैज्ञानिक नाम शोरिया रॉबस्टा है। बस्तर को साल वनों का दीप कहा जाता है। साल वृक्ष लगभग 12 से 30 मीटर तक लम्बे होते हैं ।इन वृक्षों का उपयोग ईमारती लकड़ी के रूप में किया जाता है।

राजकीय नृत्य - कर्मा


राजकीय खेल - हॉकी 


 राज की फसल - धान


राजभाषा - 

छत्तीसगढ़ी जिसको 28 नवंबर 2007 को मान्यता प्राप्त हुआ है।

राजकीय व्यंजन - 

छत्तीसगढ़ की राज के व्यंजन ठठेरी, खुर्मी है।

राज्य का प्रतीक वाक्य - 

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़

राज का आदर्श वाक्य- 

सत्य एवं पारदर्शिता

राज्य का मूल मंत्र- 

सादगी के साथ जनसेवा

राज्य का पुलिस वाक्य- 

परित्राणाय साधुनाम जिसे महा भारत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है सज्जनों को क्लेश से बचाने वाला।

राज का नगर सेना वाक्य- निष्काम सेवा


छत्तीसगढ़ राज्य की आकृति सी हॉर्स के समान है छत्तीसगढ़ राज्य की मान्यता प्राप्त गीत अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार जिसके रचयिता नरेंद्र देव वर्मा है ।

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