स्वच्छभारत अभियान क्या है ? ( What is swachh Bharat Abhiyan?)
स्वच्छ भारत आंदोलन: भारत को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य के साथनई दिल्ली के राजघाट पर 2 अक्दूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के द्वारा इस अभियान की शुरुआत हुई। इसका लक्ष्य है 2अक्दूबर 2019 तक हर परिवार को शौचालय सहित स्वच्छता-सुविधा उपलब्ध कराना है, ठोस और द्रव अपशिष्ट निपटानव्यवस्था, गाँव में सफाई और सुरक्षित तथा पर्याप्त मात्रा में पीने कापानी उपलब्ध हो। ये भारत के राष्ट्रपिता को उनके 150वेंजन्मदिवस पर सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी। ये बहुत महत्वपूर्णहै कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये प्रधानमंत्री स्वयंअग्रसक्रिय भूमिका निभा रहे है; राजघाट पर उन्होंने खुद सड़कों कोसाफ कर इस मुहिम की शुरुआत की।
जबकि, ये पहले ही निर्धारित कर दिया गया है कि ये अभियानकेवल सरकार का कर्तव्य नहीं है बल्कि राष्ट्र को स्वच्छ बनाने कीकी जिम्मेदारी इस देश के सभी नागरिकों है ।
स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास (History of Swachh Bharat Abhiyan)
स्वच्छ भारत आंदोलन की मुहिम आज तक स्वच्छता से संबंधितलिया गया एक बड़ा कदम है। इस अभियान को विश्वस्तर परप्रसिद्ध करने के लिये तथा आम जनता को इसके प्रति जागरुककरने के लिये स्कूलों तथा कॉलेज के विद्यार्थीयों सहित लगभग 3लाख सरकारी कर्मचारीयों ने इसके प्रारंभ होने के दिन इसमें भागलिया। 1500 लोगों के मौजूदगी में 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपतिभवन में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया था। भारतीयराष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने झंडा दिखाकर इस आंदोलन की शुरुआतकी।
इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिये व्यापार, खेल और फिल्म उद्योगसे जुड़े नौ प्रसिद्ध व्यक्तियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामितकिया। उन्होंने उन नौ व्यक्तियों से निवेदन भी किया कि वे और नौव्यक्तियों को इस अभियान से जोड़ें और स्वच्छता के इस आंदोलनको देश के कोने-कोने में रहने वाले हर एक भारतीय तक इसेपहुचाऐ।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस मुहिम को चुनौती की तरह लेना चाहियेतथा व्यक्तिगत (पेड़ की शाखाओं की तरह) तौर पर दूसरे नौ लोगोंको आमंत्रित करना चाहिये जिससे स्वच्छता का ये दृष्टीकोण 2019तक पूरा हो जाए और इतिहास में हमेशा के लिये भारत एक स्वच्छदेश बने।
इस भारतीय अभियान से प्रेरणा लेकर 3 जनवरी 2015 को, इंडो-नेपाल डॉक्टर एशोसियन ने एक मुहिम की शुरुआत की जिसको“स्वच्छ भारत नेपाल- स्वच्छ भारत नेपाल अभियान” कहा गया।इसकी शुरुआत इंडो-नेपाल बाडर्र क्षेत्र, सुनौली-बेलिहिया (भगवानबुद्ध का जन्म स्थल, पवित्र शहर लुंबिनी,नेपाल) हुई।
भारत में स्वच्छता के दूसरे कार्यक्रम जैसे केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छताकायर्क्रम (सीआरएसपी) का प्रारंभ 1986 में पूरे देश में हुआ जो किगरीबी रेखा से नीचे के लोगों के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लियेस्वास्थयप्रद शौचालय बनाने पर केन्द्रित था। इसका उद्देश्य सूखेशौचालयों को अल्प लागत से तैयार स्वास्थयप्रद शौचालयों मेंबदलना, खासतौर से ग्रामीण महिलाओं के लिये शौचालयों कानिर्माण करना तथा दूसरी सुविधाएँ जैसे हैंड पम्प, नहान-गृह,स्वास्थ्यप्रद, हाथों की सफाई आदि था। यह लक्ष्य था कि सभीउपलब्ध सुविधाएँ ठीक ढंग से ग्राम पंचायत द्वारा पोषित कीजाएगी। गाँव की उचित सफाई व्यवस्था जैसे जल निकासीव्यवस्था, सोखने वाला गड्ढा, ठोस और द्रव अपशिष्ट का निपटान,स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरुकता, सामाजिक, व्यक्तिगत, घरेलूऔर पर्यावरणीय साफ-सफाई व्यवस्था आदि की जागरुकता हो।
ग्रामीण साफ-सफाई कार्यक्रम का पुनर्निमाण करने के लियेभारतीय सरकार द्वारा 1999 में भारत में सफाई के पूर्ण स्वच्छताअभियान (टीएससी) की शुरुआत हुई। पूर्ण स्वच्छता अभियान कोबढ़ावा देने के लिये साफ-सफाई कार्यक्रम के तहत जून 2003 केमहीने में निर्मल ग्राम पुरस्कार की शुरुआत हुई। ये एक प्रोत्साहनयोजना थी जिसे भारत सरकार द्वारा 2003 में लोगों को पूर्णस्वच्छता की विस्तृत सूचना देने पर, पर्यावरण को साफ रखने केलिये साथ ही पंचायत, ब्लॉक, और जिलों द्वारा गाँव को खुले मेंशौच करने से मुक्त करने के लिये प्रारंभ की गई थी।
निर्मल भारत अभियान की शुरुआत 2012 में हुई थी और उसकेबाद स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 में हुई।जबकि इसके पूर्व में भारतीय सरकार द्वारा चलाए जा रहे है सभीसफाई-सफाई व्यवस्था और स्वच्छता कार्यक्रम वर्तमान 2014 केस्वच्छ भारत अभियान के जितना प्रभावकारी नहीं थे।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य (Objective of Swachh Bharat Abhiyan )
2 अक्टूबर 2019 तक “स्वच्छ भारत” के मिशन और दृष्टि को पूराकरने के लिये भारतीय सरकार द्वारा कई सारे लक्ष्यों की प्राप्ति केलिये स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई जो कि महानमहात्मा गाँधी का 150वाँ जन्म दिवस होगा। ऐसा अपेक्षित है किभारतीय रुपये में 62000 करोड़ अनुमानित खर्च है (9.7 b$)।सरकार द्वारा ये घोषणा किया गया है कि ये अभियान राजनीति केउपर है और देशभक्ति से प्रेरित है।
स्वच्छ भारत अभियान के निम्न कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य:- (some important facts)
- भारत में खुले में मलत्याग की व्यवस्था का जड़ से उन्मूलन।अस्वास्थ्यकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों मेंबदलना।
- हाथों से मल की सफाई करने की व्यवस्था को हटाना।
- लोगों के व्यवहार में बदलाव कर अच्छे स्वास्थ्य के विषय मेंजागरुक करना।
- जन-जागरुकता पैदा करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थयऔर साफ-सफाई के कार्यक्रम से लोगों को जोड़ना।
- साफ-सफाई से संबंधित सभी व्यवस्था को नियंत्रित,डिज़ाइन और संचालन करने के लिये शहरी स्थानीय निकायको मजबूत बनाना।
- पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से निपटानों का दुबाराप्रयोग और म्यूनिसिपल ठोस अपशिष्ट का पुनर्चक्रण।
- सभी संचालनों के लिये पूँजीगत व्यय में निजी क्षेत्रकों कोभाग लेने के लिये जरुरी वातावरण और स्वच्छता अभियानसे संबंधित खर्च उपलब्ध कराना।
कॉरपोरेट भारत और स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलावे पर ध्यान देते हुए कॉरपोरेट भारतने भी इस अभियान को सफल बनाने के लिये उत्साह के साथ कदमआगे बढ़ाया।
अनिवार्य कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत स्वच्छतागतिविधियों में सार्वजनिक और निजी कंपनीयों को जोड़ा जा रहा हैजो कि कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कानूनी जरुरत है।सीएसआर एक क्रियाविधी है जिसके द्वारा कंपनियाँ पूरे समाज केभले कार्यों में पूँजी लगाती है।
हाल ही में बड़े कॉरपोरेट घराने जैसे एलएनटी, डीएलएफ, वेदांता,भारती, टीसीएस, अंबुजा सीमेंट, टोयोटा किरलोस्कर, मारुती, टाटामोटर्स, कोका कोला, डॉबर्र, आदित्य बिरला, अदानी, इंफोसिस,टीवीएस और कई दूसरों के पास निश्चित किये गये बजट स्वच्छभारत अभियानकेलियेहै। एक अनुमान के मुताबिक कॉरपोरेटसेक्टर के द्वारा 1000 करोड़ की कीमत के कई स्वच्छतापरियोजनाएँ पाइपलाइन में है। दूर-दराज़ के गाँवों में शौचालयबनाने सहित इन परियोजनाओं में व्यवहार में बदलाव लाने के लियेकार्यशाला चलाना, कचरा प्रबंधन तथा साफ पानी और दूसरीचीजों में साफ-सफाई क्रिया-कलाप आदि है।
स्वच्छ भारत अभियान के लिये एक बोली में कॉरपोरेट्स धन कोआमंत्रित करना, अभी हाल ही में सरकार ने ये फैसला लिया कि इसस्कीम में कॉरपोरेट भागीदारी को सीएसआर खर्चे में गिनती होगी।और बाद में इसे स्पष्ट करने के लिये कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय नेभी कंपनी अधिनियम के शेड्यूल 7 को संशोधित किया येउल्लिखित करने के लिये कि स्वच्छ भारत कोष में योगदानसीएसआर के लिये योग्यहोगा। इसलिये, ना केवल सरकरी औरनिजी शख्स बल्कि कॉरपोरेट क्षेत्रक भी भारत को स्वच्छ बनाने मेंअपनी भूमिका निभा रहे है।
स्वच्छ भारत अभियान से कैसे जुड़े?
देश में रह रहे सभी नागरिकों के प्रयासों के द्वारा भारत को एकस्वच्छ भारत बनाने के लिये स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआतहुई। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्पष्ट रुप से घोषित किया गयाकि कोई भी इस कार्यक्रम में किसी भी समय सक्रिय रुप से भाग लेसकता है। उसे बस गंदी जगहों की एक तस्वीर लेनी है और इसकेबाद उसे उस जगह की सफाई करने के बाद तस्वीर लेनी है औरपहले और बाद की फोटो सोशल मीडिया वेबसाइटों जैसे फेसबुक,ट्वीटर आदि पर अपलोड कर देनी है जिससे इसी तरह का कार्यकरने के लिये दूसरे आम लोग इससे परिचित और प्रेरित हो स्वच्छभारत के दृष्टी को पूरा कर सके।
भारतीय जनता से भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा इस तरह की अपीलके बाद ये भारत के लोगों द्वारा तेजी से शुरु हुआ। इस कार्यक्रम केआरंभ होने के दिन से ही लोग बहुत सक्रिय और प्रेरित हुए औरइसको वैश्विक बनाने के लिये पहले और बाद की स्नैप लेकर सोशलमीडिया वेबसाइटों पर अपलोड कर उसी तरह शुरु किया गया।नरेन्द्र मोदी द्वारा ये भी कहा गया कि जो भी इस मुहिम को आगेबढ़ायेगा उसे सोशल मीडिया वेबसाइटों पर सरकरा द्वारा सराहाजायेगा। बॉलीवुड, टॉलीवुड, राजनीतिज्ञ, खेल, व्यापार उद्योग,आदि से जुड़े बहुत सारे प्रसिद्ध व्यक्तित्व जैसे आमिर खान,अमिताभ बच्चन, रितीक रोशन, सचिन तेंदूलकर, मृदुला सिन्हा जी,अनिल अंबानी, बाबा रामदेव, शशि थरुर, कमल हासन, प्रियंकाचोपड़ा, एम.वेंकैया नायडु, अमित शाह, सलमान खान, तारकमेहता का उल्टा चश्मा की टीम और कई सारी हस्तियाँ अपनेसमयनुसार इस मुहीम से जुड़े तथा फेसबुक और ट्वीटर पर इससेजुड़ी तस्वीरें अपलोड की।
इसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय के छात्रों और दूसरे शैक्षणिकसंस्थानों के द्वारा भी किया जा रहा है। दैनिक रुटीन कार्य और दूसरेव्यवसायिक गतिविधियों में लगे देश के युवा भी कार्यक्रम में भागलेते है तथा इसी तरह का कार्य करते है। सभी क्रिया-कलाप प्रसिद्धव्यक्तित्व, विद्यार्थी तथा देश के युवा द्वारा समर्थित होता है औरआम जन को इसमें सक्रियता से भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। अपने आस-पास के जगह को साफ और उत्तम करने केलिये हमें भारतीय होने के नाते अपने हाथों में झाड़ू लेने की जरुरतहै।
ज्यादातर स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों ने ग्रुप कार्यक्रम में भागलिया था तो हम क्यूँ पीछे है ? हमें भी इसमें पूरी सक्रियता से भागलेना चाहिये।
इस अभियान को सफल अभियान बनाने के लिये कईस्वतंत्र एप्लिकेशन प्रोग्राम डेवलपर ने मोबाईल तकनीक काइस्तेमाल कर कई मोबाईलएप्लिकेशन बनाए। मीडिया ने भी अपनेलेख और खबर प्रकाशन के द्वारा इस अभियान को बढ़ावा दिया।इस अभियान की ओर लोगों को टाईम्स ऑफ इंडिया ने भी अपनेलेख “फेसबुक को देशी कंपनी ने हराया ‘स्वच्छ एप्स रेस’ में” सेप्रेरित किया। दूसरा प्रकाशित लेख है-“ये भारतीय एप बदल सकताहै कैसे लोग अपनी सरकार से बात करें”।
इस अभियान को सफल अभियान बनाने के लिये कईस्वतंत्र एप्लिकेशन प्रोग्राम डेवलपर ने मोबाईल तकनीक काइस्तेमाल कर कई मोबाईलएप्लिकेशन बनाए। मीडिया ने भी अपनेलेख और खबर प्रकाशन के द्वारा इस अभियान को बढ़ावा दिया।इस अभियान की ओर लोगों को टाईम्स ऑफ इंडिया ने भी अपनेलेख “फेसबुक को देशी कंपनी ने हराया ‘स्वच्छ एप्स रेस’ में” सेप्रेरित किया। दूसरा प्रकाशित लेख है-“ये भारतीय एप बदल सकताहै कैसे लोग अपनी सरकार से बात करें”।
2019 तक 100% खुले में शौचमुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करने केलिये इस अभियान के तहत ठीक ढ़ंग से शौचालय बनाया जाना हैजिसके लिये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी वास्तविक समयनिगरानी की भी शुरुआत हुई है। लोगों को स्वच्छ भारत कामहत्वपूर्ण संदेश पहुँचाने के लिये एनआईटी राऊरकेला पीएचडीविद्यार्थीयों द्वारा स्वच्छ भारत पर एक लघु फिल्म बनाई गई है। हमेंभी अपने हाथ इस मिशन के लिये जोड़ना चाहिये और इसे अपनेजीवन का महत्वपूर्ण भाग समझना चाहिये। स्वच्छ भारत केवलएक का नहीं बल्कि सभी भारतीय नागरिकों की जिम्मेदारी है।
स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी मशहूर शख्सियत
- आमिर खान
- अमिताभ बच्चन
- रितीक रोशन
- सचिन तेंदूलकर
- मृदुला सिन्हा जी
- अनिल अंबानी
- बाबा रामदेव
- शशि थरुर
- कमल हासन
- प्रियंका चोपड़ा
- एम.वेंकैया नायडु
- अमित शाह
- सलमान खान
- तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम
स्वच्छ भारत अभियान में अन्य हस्तियां जो शामिल हैं वह हैंअनुपम खेर, परिणीति चोपड़ा, अक्षय कुमार, आलिया भट्ट, नेहाधूपिया, अजय देवगन, सुभाष घई (फिल्म निर्माता), गगन नारंग(भारतीय शूटर), विजेंदर सिंह (भारतीय बॉक्सर), मनोज तिवारी,मैरी कोम, नागार्जुन, तमन्ना भाटिया, हेमा मालिनी इत्यादि।
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